
Chetan Gurung
Graphic Era विवि के 33वें Foundation Day पर संस्थान को सँवारने में एक-एक ईंट बने मेहनतकश 522 शिक्षकों-कर्मचारियों को विवि समूह के Chairman डॉ कमल घनशाला ने Award से नवाजा। दिन भर की समारोह के चलते मसरूफ़ियत को मशहूर गजल गायक तलत अज़ीज़ ने अपनी रेशमी-रूमानी आवाज में लगातार प्रस्तुतियों से मौजूद लोगों को झुमाते हुए ताजा दम कर दिया।
ग्राफिक एरा के 10 से 30 वर्षों तक की श्रेष्ठ-सुनहरी सेवा देने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को डॉ घनशाला के हाथों सम्मानित किया गया। समूह प्रमुख ने इस मौके पर Communication Gap को घातक करार देते हुए इससे बचने की नसीहत देते हुए कहा कि इससे बेवजह समस्याएं गहरा जाती हैं। उन्होंने समारोह की शुरुआत विशाल केक काटकर किया। ग्राफिक एरा के मुख्य RC घनशाला, ग्राफिक एरा एजुकेशनल सोसायटी की अध्यक्ष लक्ष्मी घनशाला ने केक काटने में उंकास साथ निभाया। शिक्षकों और कार्मिकों को भी केक काटने के पल में साझीदार बनाया।
डॉ कमल घनशाला ने Private Sector में 10, 20, 25 या 30 वर्ष एक ही जगह रहकर काम करना संस्थान से जुड़ाव और खुशी के Index को दर्शाता है। दरअसल, ग्राफिक एरा की सबके दुख सुख में भागीदार बनने की नीति सबको जोड़कर रखती है। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जब अचानक कुछ बुरा होने पर संस्थान संबंधित कार्मिक के परिवार का सहारा बन गया। ग्राफिक एरा शैक्षणिक संस्थान के बजाए समर्पण, परिश्रम और अपनत्व से बुना एक जीवंत परिवार है।
डॉ घनशाला ने कहा कि Insecure लोग भी कामयाबी की राह में अड़चन बनते हैं। कई तरह के इस किस्म के लोगों का जिक्र करते हुए कहा कि कम योग्य व्यक्ति किसी तरह बड़े पद पर पहुंच जाये, तो वह अपने से अधिक योग्य व्यक्तियों के लिए रास्ते बंद कर देता। कम योग्य लोगों को प्रोत्साहित करता है।
समारोह में डा. घनशाला ने मशहूर गीत “एक प्यार का नग़मा है…” सुना के सभी को झुमा डाला। समारोह में प्रवीण, डॉ अमल शंकर शुक्ला, सौरभ रावत, डॉ कमलेश पुरोहित, उपेन्द्र असवाल, रुचिरा रावत, मगन प्रसाद खली, डॉ राजेश पोखरियाल, डॉ इरफान उल हसन, उमेश कुमार सैनी, राजेंद्र प्रसाद समेत 522 शिक्षकों और अन्य कार्मिकों को सम्मानित किया गया। समारोह में प्रो-चांसलर डॉ राकेश शर्मा, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अमित आर. भट्ट और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
तलत अजीज ने पेशकशों से Graphic Era में समां बांध डाला
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देर शाम ‘एहसास-ए-ग़ज़ल:इक शाम तलत अज़ीज़ के नाम’ में एक से एक पेशकशों ने श्रोताओं को इस कदर मस्त कर दिया कि उनकी दिन भर की थकान खत्म कर दी। खचाखच भरे सिल्वर जुबली कंवेंशन सेंटर में लोगों ने दम साध के अपने पसंदीदा कलाकार के एक-एक नज्म को सुना। उन्होंने तालियों में दिल खोल के रईसी दिखाई।
शाम का आगाज तलत ने तुझ सा पहले ना कभी … से किया। इसके बाद तलत अज़ीज़ ने वह गजल सुनाई, जिससे उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की थी- “कैसे सुकून पाऊं, तुझे देखने के बाद, आवाज दे रही है मेरी जिंदगी मुझे, जाऊं के न जाऊं तुझे देखने के बाद…”।समारोह की शुरुआत Graphic Era Group of Institutions के Chairman डॉ कमल घनशाला ने पिछले 32 वर्षों के ग्राफिक एरा के सफर पर प्रकाश डालते हुए की। संचालन डॉ MP सिंह ने किया।